Tuesday, June 27, 2017

अजमेर शरीफ, अजमेर, राजस्थान - Ajmer Sharif, Ajmer, Rajasthan

अजमेर शरीफ                                                                                     

ajmer sharif - indian historical placeमोइनुद्दीन चिश्ती (गरीबी नवाज़-गरीब का विनाश), अजमेर शरीफ दरगाह  या अजमेर शरीफ के रूप में जाना
जाता है, की दरगाह, एक अंतरराष्ट्रीय वक्फ है, भारत सरकार के द्वारगाह ख्वाजा साहब अधिनियम, 1955 द्वारा प्रबंधित एक इस्लामिक मरे। अजमेर शरीफ दरगाह मुख्य केंद्रीय अजमेर रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर (1.2 मील) दूर है और तारागढ़ पहाड़ी के पैर में स्थित है, और इसमें कई सफेद संगमरमर की इमारतों हैं जिनमें दो आंगनों की व्यवस्था है, जिसमें हैदराबाद के निजाम और मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा निर्मित अकबारी मस्जिद। इसमें संत का गुंबददार कब्र होता है। अकबर और उसकी रानी आगरा से तीर्थ यात्रा पर हर साल पैर से यहां एक पुत्र के लिए प्रार्थना करते हुए एक प्रतिज्ञा का पालन करते थे।

Wednesday, June 21, 2017

अमरकंटक - Amarkantak, Madhya Pradesh

अमरकंटक                                             

अमरकंटक एक तीर्थ शहर और अनूपपुर, मध्य प्रदेश, भारत में एक नगर पंचायत है। अमरकंटक क्षेत्र एक अनोखा प्राकृतिक विरासत क्षेत्र है और यह विंध्य और सतपुड़ा पर्वतों का मीटिंग बिंदु है, जिसमें मैकल पहाड़ी का आधार होता है। यह वह जगह है जहां नर्मदा नदी, बेटा नदी और जोहला नदी निकलती है। 15 वीं शताब्दी के प्रसिद्ध भारतीय रहस्यवादी और कवि कबीर को कबीर छाबुत्रा पर ध्यान दिया जाता है, जिसे कबीर का मंच भी कहा जाता है, अमरर्ककांत शहर में स्थित है।


amarkantak




Saturday, June 17, 2017

वैष्णो देवी - Vaishnav Devi temple, Jammu

वैष्णो देवी                                                                                             

vaishno devi - Indian historcal places
वैष्णो देवी मंदिर (हिन्दी: वैष्णोदेवी मन्दिर), शक्ति को समर्पित एक पवित्रतम हिंदू मंदिर है, जो भारत के जम्मू और कश्मीर में वैष्णो देवी की पहाड़ी पर स्थित है। हिंदू धर्म में वैष्णो देवी, जो माता रानी और वैष्णवी के रूप में भी जानी जाती हैं, देवी मां का अवतार हैं।
मदिर, जम्मू और कश्मीर राज्य के जम्मू जिले में कटरा नगर के समीप अवस्थित है। यह उत्तरी भारत में सबसे पूजनीय पवित्र स्थलों में से एक है। मंदिर, 5,200 फ़ीट की ऊंचाई और कटरा से लगभग 12 किलोमीटर (7.45 मील) की दूरी पर स्थित है। हर साल लाखों तीर्थयात्री मंदिर का दर्शन करते हैं और यह भारत में तिरूमला वेंकटेश्वर मंदिर के बाद दूसरा सर्वाधिक देखा जाने वाला धार्मिक तीर्थ-स्थल है। इस मंदिर की देख-रेख श्री माता वैष्णो देवी तीर्थ मंडल द्वारा की जाती है। तीर्थ-यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए उधमपुर से कटरा तक एक रेल संपर्क बनाया गया है।
                                                                                                                  

वैष्णो देवी की यात्रा


माता वैष्णो देवी को लेकर कई कथाएँ प्रचलित हैं। एक प्रसिद्ध प्राचीन मान्यता के अनुसार माता वैष्णो के एक परम भक्त श्रीधर की भक्ति से प्रसन्न होकर माँ ने उसकी लाज रखी और दुनिया को अपने अस्तित्व का प्रमाण दिया। एक बार ब्राह्मण श्रीधर ने अपने गाँव में माता का भण्डारा रखा और सभी गाँववालों व साधु-संतों को भंडारे में पधारने का निमंत्रण दिया। पहली बार तो गाँववालों को विश्वास ही नहीं हुआ कि निर्धन श्रीधर भण्डारा कर रहा है। श्रीधर ने भैरवनाथ को भी उसके शिष्यों के साथ आमंत्रित किया गया था। भंडारे में भैरवनाथ ने खीर-पूड़ी की जगह मांस-मदिरा का सेवन करने की बात की तब श्रीधर ने इस पर असहमति जताई। अपने भक्त श्रीधर की लाज रखने के लिए माँ वैष्णो देवी कन्या का रूप धारण करके भण्डारे में आई। भोजन को लेकर भैरवनाथ के हठ पर अड़ जाने के कारण कन्यारूपी माता वैष्णो देवी ने भैरवनाथ को समझाने की कोशिश की किंतु भैरवनाथ ने उसकी एक ना मानी। जब भैरवनाथ ने उस कन्या को पकड़ना चाहा, तब वह कन्या वहाँ से त्रिकूट पर्वत की ओर भागी और उस कन्यारूपी वैष्णो देवी हनुमान को बुलाकर कहा कि भैरवनाथ के साथ खेलों मैं इस गुफा में नौ माह तक तपस्या करूंगी। इस गुफा के बाहर माता की रक्षा के लिए हनुमानजी ने भैरवनाथ के साथ नौ माह खेला। आज इस पवित्र गुफा को 'अर्धक्वाँरी' के नाम से जाना जाता है। अर्धक्वाँरी के पास ही माता की चरण पादुका भी है। यह वह स्थान है, जहाँ माता ने भागते-भागते मुड़कर भैरवनाथ को देखा था। कहते हैं उस वक्त हनुमानजी माँ की रक्षा के लिए माँ वैष्णो देवी के साथ ही थे। हनुमानजी को प्यास लगने पर माता ने उनके आग्रह पर धनुष से पहाड़ पर एक बाण चलाकर जलधारा को निकाला और उस जल में अपने केश धोए। आज यह पवित्र जलधारा 'बाणगंगा' के नाम से जानी जाती है, जिसके पवित्र जल का पान करने या इससे स्नान करने से भक्तों की सारी व्याधियाँ दूर हो जाती हैं। त्रिकुट पर वैष्णो मां ने भैरवनाथ का संहार किया तथा उसके क्षमा मांगने पर उसे अपने से उंचा स्थान दिया कहा कि जो मनुष्य मेरे दर्शन के पशचात् तुम्हारे दर्शन नहीं करेगा उसकी यात्रा पूरी नहीं होगी। अत: श्रदालु आज भी भैरवनाथ के दर्शन को अवशय जाते हैं।

Friday, June 16, 2017

खजुराहो मंदिर - Khajuraho Temple, Madhya Pradesh

खजुराहो मंदिर                                                                                      


खजुराहो भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त में स्थित एक प्रमुख शहर है जो अपने प्राचीन एवं मध्यकालीन मंदिरों के लिये विश्वविख्यात है। यह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। खजुराहो को प्राचीन काल में खजूरपुरा और खजूर वाहिका के नाम से भी जाना जाता था। यहां बहुत बड़ी संख्या में प्राचीन हिन्दू और जैन मंदिर हैं। मंदिरों का शहर खजुराहो पूरे विश्व में मुड़े हुए पत्थरों से निर्मित मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। खजुराहो को इसके अलंकृत मंदिरों की वजह से जाना जाता है जो कि देश के सर्वोत्कृष्ठ मध्यकालीन स्मारक हैं। भारत के अलावा दुनिया भर के आगन्तुक और पर्यटक प्रेम के इस अप्रतिम सौंदर्य के प्रतीक को देखने के लिए निरंतर आते रहते है। हिन्दू कला और संस्कृति को शिल्पियों ने इस शहर के पत्थरों पर मध्यकाल में उत्कीर्ण किया था। संभोग की विभिन्न कलाओं को इन मंदिरों में बेहद खूबसूरती के उभारा गया है।

                                                                                                                                   

Tuesday, June 13, 2017

स्वर्ण मन्दिर - The Golden Temple , Amritsar

हरिमन्दिर साहिब (स्वर्ण मन्दिर) - The Golden Temple 


श्री हरिमन्दिर साहिब (पंजाबी भाषा: ਹਰਿਮੰਦਰ ਸਾਹਿਬ), जिसे दरबार साहिब या स्वर्ण मन्दिर भी कहा जाता है सिख धर्मावलंबियों का पावनतम धार्मिक स्थल या सबसे प्रमुख गुरुद्वारा है। यह भारत के राज्य पंजाब के अमृतसर शहर में स्थित है और यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण है। पूरा अमृतसर शहर स्वर्ण मंदिर के चारों तरफ बसा हुआ है। स्वर्ण मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। अमृतसर का नाम वास्तव में उस सरोवर के नाम पर रखा गया है जिसका निर्माण गुरु राम दास ने स्वय़ं अपने हाथों से किया था। यह गुरुद्वारा इसी सरोवर के बीचोबीच स्थित है। इस गुरुद्वारे का बाहरी हिस्सा सोने का बना हुआ है, इसलिए इसे स्वर्ण मंदिर अथवा गोल्डन टेंपल के नाम से भी जाना जाता है। श्री हरिमंदिर साहिब को दरबार साहिब के नाम से भी ख्याति हासिल है। यूँ तो यह सिखों का गुरुद्वारा है, लेकिन इसके नाम में मंदिर शब्द का जुड़ना यह स्पष्ट करता है कि भारत में सभी धर्मों को एक समान माना जाता है। इतना ही नहीं, श्री हरमंदिर साहिब की नींव भी एक मुसलमान ने ही रखी थी। इतिहास के मुताबिक सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देव जी ने लाहौर के एक सूफी संत साईं मियां मीर जी से दिसंबर, 1588 में गुरुद्वारे की नींव रखवाई थी। सिक्खों के लिए स्वर्ण मंदिर बहुत ही महत्वपूर्ण है। सिक्खों के अलावा भी बहुत से श्रद्धालु यहाँ आते हैं, जिनकी स्वर्ण मंदिर और सिक्ख धर्म में अटूट आस्था है।

अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली - Akshardham Temple , Delhi

अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली - Akshardham Temple , Delhi


नई दिल्ली में बना स्वामिनारायण अक्षरधाम मन्दिर एक अनोखा सांस्कृतिक तीर्थ है। इसे ज्योतिर्धर भगवान स्वामिनारायण की पुण्य स्मृति में बनवाया गया है। यह परिसर १०० एकड़ भूमि में फैला हुआ है। दुनिया का सबसे विशाल हिंदू मन्दिर परिसर होने के नाते २६ दिसम्बर २००७ को यह गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स में शामिल किया गया।

Monday, June 12, 2017

मीनाक्षी अम्माँ मँदिर , मदुरै- Meenakshi Amman Temple, Madurai


मीनाक्षी अम्माँ मँदिर , मदुरै

(मंदिर खुलने का समय - 5:00am- 12:30pm & 4:00pm- 10:00pm)
Related imageहमारा भारत अपनी प्राचीन सभ्यता के कारण जाना जाता है ! मंदिरों के लिये हमारा दक्षिण भारत अत्यंत प्रसिद्ध है !
वहीं का बेहद सुंदर , प्राचीन और धर्मिक स्थल है मीनाक्षी अम्मां मन्दिर, तमिल नाडु
   यहां की पत्थर की कला कृतियाँ अद्वतीय है !  हिन्दु पौराणिक कथानुसार भगवान शिव सुन्दरेश्वरर रूप में अपने गणों के साथ पांड्य राजा मलयध्वज की पुत्री राजकुमारी मीनाक्षी से विवाह रचाने मदुरई नगर में आये थे। मीनाक्षी को देवी पार्वती का अवतार माना जाता है। इस मन्दिर को देवी पार्वती के सर्वाधिक पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। इस मन्दिर का स्थापत्य एवं वास्तु आश्चर्यचकित कर देने वाला है, जिस कारण यह आधुनिक विश्व के सात आश्चर्यों की सूची में प्रथम स्थान पर स्थित है, एवं इसका कारण इसका विस्मयकारक स्थापत्य ही है।

Golden temple

रामेश्वरम मंदिर, रामेश्वरम (तमिलनाडु) - Rameshwaram Temple, Rameshwaram, Tamilnadu

रामेश्वरम                                                                                                रामेश्वरम, (रामसेवराम, रामेश्वरम...